जिसकी चिकित्सा की जा सके– (चिकित्स्य)
जिसकी थाह न हो– (अथाह)
जिसकी सब जगह बदनामी– (कुख्यात)
जिसकी कोई उपमा न हो– (अनुपम)
जिसकी तीन भुजाएँ हो– (त्रिभुज)
जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो– (दीर्घायु)
जिसको टाला न जा सके– (अनिवार्य, अटल)
जिसकी धर्म में निष्ठा हो– (धर्मनिष्ठ)
जिसकी पत्नी मर गई हो– (विधुर)
जिसका पति मर गया हो– (विधवा)
जिसकी सब जगह बदनामी– (कुख्यात)
जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो– (बहुचर्चित)
जिसकी कोई उपमा न हो– (अनुपम)
जिसकी चार भुजाएँ हों– (चतुर्भुज)
जिसकी कल्पना की जा सके– अकल्पनीय
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती– (अचिन्त्य)
जिसकी अपेक्षा (उम्मीद) हो– (अपेक्षित)
जिसकी गहराई की थाह न लग सके– (अथाह)
जिसकी परिभाषा देना संभव न हो– (अपरिभाषित)
जिसकी आशा न की जाय– (अप्रत्याशित)
जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो– (खंडित)
जिसकी बुद्धि कुश के अग्र (नोक) की तरह तेज हो– (कुशाग्रबुद्धि)
जिसकी घोषणा की गयी हो– (घोषित)
जिसकी बाँहें जानु (घुटने) तक पहुँचती हो– (आजानुबाहु)
जिसकी बाँहें अधिक लंबी हो– (प्रलंबबाहु)
जिसकी उपमा न दी जा सके– (निरुपम)
जिसकी आत्मा महान हो– (महात्मा)
जिसकी भुजाएँ बड़ी हो– (महाबाहु)
जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो– (सुग्रीव)
जिसकी कल्पनान की जा सके– (अकल्पनीय)
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती– (अचिन्तनीय)
जिसकी आशा न की गई हो– (अप्रत्याशित)
जिसकी बाहुएँ दीर्घ है– (दीर्घबाहु)
जिसकी सीमा न हो– (असीम)
जिसकी पत्नी साथ में न हो– (विपत्नीक)
जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो– (राजपत्रित)
जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो– (बुद्धिजीवी)
जिसकी थाह न हो– (अथाह)
जिसकी सब जगह बदनामी– (कुख्यात)
जिसकी कोई उपमा न हो– (अनुपम)
जिसकी तीन भुजाएँ हो– (त्रिभुज)
जिसकी आयु बड़ी लम्बी हो– (दीर्घायु)
जिसको टाला न जा सके– (अनिवार्य, अटल)
जिसकी धर्म में निष्ठा हो– (धर्मनिष्ठ)
जिसकी पत्नी मर गई हो– (विधुर)
जिसका पति मर गया हो– (विधवा)
जिसकी सब जगह बदनामी– (कुख्यात)
जिसकी बहुत अधिक चर्चा हो– (बहुचर्चित)
जिसकी कोई उपमा न हो– (अनुपम)
जिसकी चार भुजाएँ हों– (चतुर्भुज)
जिसकी कल्पना की जा सके– अकल्पनीय
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती– (अचिन्त्य)
जिसकी अपेक्षा (उम्मीद) हो– (अपेक्षित)
जिसकी गहराई की थाह न लग सके– (अथाह)
जिसकी परिभाषा देना संभव न हो– (अपरिभाषित)
जिसकी आशा न की जाय– (अप्रत्याशित)
जिसका कोई हिस्सा टूटकर अलग हो गया हो– (खंडित)
जिसकी बुद्धि कुश के अग्र (नोक) की तरह तेज हो– (कुशाग्रबुद्धि)
जिसकी घोषणा की गयी हो– (घोषित)
जिसकी बाँहें जानु (घुटने) तक पहुँचती हो– (आजानुबाहु)
जिसकी बाँहें अधिक लंबी हो– (प्रलंबबाहु)
जिसकी उपमा न दी जा सके– (निरुपम)
जिसकी आत्मा महान हो– (महात्मा)
जिसकी भुजाएँ बड़ी हो– (महाबाहु)
जिसकी ग्रीवा सुन्दर हो– (सुग्रीव)
जिसकी कल्पनान की जा सके– (अकल्पनीय)
जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती– (अचिन्तनीय)
जिसकी आशा न की गई हो– (अप्रत्याशित)
जिसकी बाहुएँ दीर्घ है– (दीर्घबाहु)
जिसकी सीमा न हो– (असीम)
जिसकी पत्नी साथ में न हो– (विपत्नीक)
जिसकी सूचना राजपत्र में दी गयी हो– (राजपत्रित)
जिसकी जीविका बुद्धि के बल पर चलती हो– (बुद्धिजीवी)
जिसने इंद्रियों को जीत लिया हो– (जितेंद्रिय)
जिसने चित्त किसी विषय में दिया (लगाया) है– (दत्तचित)
जिसने ऋण चुका दिया हो– (उऋण) जिसने किसी विषय में मन लगा लिया हो– (दत्तचित)
जिसने गुरु से दीक्षा ली हो– (दीक्षित)
जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो– (बहुश्रुत)
जिसने बहुत कुछ देखा हो– (बहुदर्शी)
जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है– (लब्धप्रतिष्ठ)
जिसने मृत्यु को जीत लिया है– (मृत्युंजय)
जिसने चित्त किसी विषय में दिया (लगाया) है– (दत्तचित)
जिसने ऋण चुका दिया हो– (उऋण) जिसने किसी विषय में मन लगा लिया हो– (दत्तचित)
जिसने गुरु से दीक्षा ली हो– (दीक्षित)
जिसने बहुत कुछ सुन रखा हो– (बहुश्रुत)
जिसने बहुत कुछ देखा हो– (बहुदर्शी)
जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की है– (लब्धप्रतिष्ठ)
जिसने मृत्यु को जीत लिया है– (मृत्युंजय)
जिसको प्राप्त करना बहुत कठिन हो– (दुर्लभ)
जिसको लाँघना कठिन हो– (दुर्लंघ्य)
जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो– (दुर्निवार)
जिसको लाँघना कठिन हो– (दुर्लंघ्य)
जिसको रोकना या निवारण करना कठिन हो– (दुर्निवार)
जिसमे दया हो– (दयालु)
जिसमे धैर्य न हो– (अधीर)
जिसमे सहन शक्ति हो– (सहिष्णु)
जिसमे रस हो– (सरस)
जिसमे रस न हो– (नीरस)
जिसमे दया न हो– (निर्दय)
जिसमे शक्ति न हो– (अशक्त)
जिसमे शक्ति नहीं है– (अशक्त)
जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो– (अक्षम)
जिसमें सामर्थ्य नहीं है– (असमर्थ)
जिसमें ढाल हो– (ढालू/ढालवाँ)
जिसमें कोई दोष न हो– (निर्दोष)
जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो– (निरापद)
जिसमें तेज नहीं है– (निस्तेज)
जिसमें मल (गंदगी) न हो– (निर्मल)
जिसमें पाँच कोने हों– (पंचकोण)
जिसमें प्रतिभा है– (प्रतिभा)
जिसमें जाना या समझना कठिन हो– (दुर्गम)
जिसमें मल (गंदगी) हो– (मलिन)
जिसमें किसी प्रकार का विकार हो– (विकृत)
जिसमें सात रंग हो– (सतरंगा)
जिसपर विश्र्वास किया गया है– (विश्र्वस्त)
जिससे घृणा की जाए– (घृणित)
जिसमे धैर्य न हो– (अधीर)
जिसमे सहन शक्ति हो– (सहिष्णु)
जिसमे रस हो– (सरस)
जिसमे रस न हो– (नीरस)
जिसमे दया न हो– (निर्दय)
जिसमे शक्ति न हो– (अशक्त)
जिसमे शक्ति नहीं है– (अशक्त)
जिसमें कुछ करने की क्षमता न हो– (अक्षम)
जिसमें सामर्थ्य नहीं है– (असमर्थ)
जिसमें ढाल हो– (ढालू/ढालवाँ)
जिसमें कोई दोष न हो– (निर्दोष)
जिसमें हानि या अनर्थ का भय न हो– (निरापद)
जिसमें तेज नहीं है– (निस्तेज)
जिसमें मल (गंदगी) न हो– (निर्मल)
जिसमें पाँच कोने हों– (पंचकोण)
जिसमें प्रतिभा है– (प्रतिभा)
जिसमें जाना या समझना कठिन हो– (दुर्गम)
जिसमें मल (गंदगी) हो– (मलिन)
जिसमें किसी प्रकार का विकार हो– (विकृत)
जिसमें सात रंग हो– (सतरंगा)
जिसपर विश्र्वास किया गया है– (विश्र्वस्त)
जिससे घृणा की जाए– (घृणित)
जिस हँसी से अट्टालिका तक हिल जाय– (अट्टहास)
जिस पर विचार न किया गया हो– (अविचारित)
जिस पर आक्रमण न किया गया हो– (अनाक्रांत)
जिस पर मुकदमा चल रहा हो–(अभियुक्त)
जिस पर कोई नियंत्रण न हो– (अनियंत्रित)
जिसे अधिकार दिया गया हो– (अधिकृत)
जिस पर निर्णय न हुआ हो– (अनिर्णीत)
जिस पर अनुग्रह किया गया हो– (अनुग्रहीत)
जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो– (एकाधिकार)
जिस लड़की का विवाह न हुआ हो– (कुमारी)
जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो– (ऊसर)
जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो– (उत्तरदायी)
जिस पर चिह्न लगाया गया हो– (चिह्नित)
जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो– (वंध्या (बाँझ))
जिस पर विश्वास न किया जा सके– (अविश्वनीय)
जिस स्त्री का धव (पति) मर गया है– (विधवा)
जिस पर विश्वास न किया जा सके– (अविश्वनीय)
जिस भूमि पर कुछ न उग सके– (ऊसर)
जिस पर अभियोग लगाया गया हो– (अभियुक्त)
जिस पर उपकार किया गया हो– (उपकृत)
जिस पुरुष की स्त्री मर गयी है– (विधुर)
जिस स्त्री को कोई सन्तान न हो– (वन्ध्या, बाँझ)
जिस पर लम्बी–लम्बी धारियाँ हों– (धारीदार)
जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है– (दुर्भिक्ष)
जिस पर दिनांक (तारीख का अंक) लगाया गया हो– (दिनांकित)
जिस पर किसी प्रकार का अंकुश (नियंत्रण) न हो– (निरंकुश)
जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश–विन्यास करते हैं– (नेपथ्य)
जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता हो– (फड़)
जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो– (फलक)
जिस पर विश्वास न किया जा सके– (विश्वासघाती)
जिस पर विश्वास किया गया है– (विश्वस्त)
जिस स्त्री का पति जीवित हो– (सधवा)
जिस पर विचार न किया गया हो– (अविचारित)
जिस पर आक्रमण न किया गया हो– (अनाक्रांत)
जिस पर मुकदमा चल रहा हो–(अभियुक्त)
जिस पर कोई नियंत्रण न हो– (अनियंत्रित)
जिसे अधिकार दिया गया हो– (अधिकृत)
जिस पर निर्णय न हुआ हो– (अनिर्णीत)
जिस पर अनुग्रह किया गया हो– (अनुग्रहीत)
जिस पर किसी अन्य को कुछ अधिकार न हो– (एकाधिकार)
जिस लड़की का विवाह न हुआ हो– (कुमारी)
जिस भूमि में कुछ पैदा न होता हो– (ऊसर)
जिस पर किसी काम का उत्तरदायित्व हो– (उत्तरदायी)
जिस पर चिह्न लगाया गया हो– (चिह्नित)
जिस स्त्री के कभी संतान न हुई हो– (वंध्या (बाँझ))
जिस पर विश्वास न किया जा सके– (अविश्वनीय)
जिस स्त्री का धव (पति) मर गया है– (विधवा)
जिस पर विश्वास न किया जा सके– (अविश्वनीय)
जिस भूमि पर कुछ न उग सके– (ऊसर)
जिस पर अभियोग लगाया गया हो– (अभियुक्त)
जिस पर उपकार किया गया हो– (उपकृत)
जिस पुरुष की स्त्री मर गयी है– (विधुर)
जिस स्त्री को कोई सन्तान न हो– (वन्ध्या, बाँझ)
जिस पर लम्बी–लम्बी धारियाँ हों– (धारीदार)
जिस समय बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलती है– (दुर्भिक्ष)
जिस पर दिनांक (तारीख का अंक) लगाया गया हो– (दिनांकित)
जिस पर किसी प्रकार का अंकुश (नियंत्रण) न हो– (निरंकुश)
जिस स्थान पर अभिनेता अपना वेश–विन्यास करते हैं– (नेपथ्य)
जिस स्थान पर बैठकर माल खरीदा और बेचा जाता हो– (फड़)
जिस कागज पर मानचित्र, विवरण या कोष्ठक अंकित हो– (फलक)
जिस पर विश्वास न किया जा सके– (विश्वासघाती)
जिस पर विश्वास किया गया है– (विश्वस्त)
जिस स्त्री का पति जीवित हो– (सधवा)
जिसे क्षमा न किया जा सके– (अक्षम्य)
जिसे दंड का भय न हो– (उदंड)
जिसे गुप्त रखा जाए– (गोपनीय)
जिसे दस आनन (मुख) हैं– (दशानन (रावण))
जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला– (अल्पज)
जिसे दंड का भय न हो– (उदंड)
जिसे गुप्त रखा जाए– (गोपनीय)
जिसे दस आनन (मुख) हैं– (दशानन (रावण))
जिसे बहुत कम ज्ञान हो, थोड़ा जानने वाला– (अल्पज)
जिसे जीता न जा सके– (अजेय)
जिसे देखकर डर (भय) लगे– (डरावना, भयानक)
जिसे क्षमा न किया जा सके– (अक्षम्य)
जिसे कभी बुढ़ापा न आये– (अजर)
जिसे कोई जीत न सके– (अजेय)
जिसे दंड का भय न हो– (उदंड)
जिस भूमि पर कुछ न उग सके– (ऊसर)
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो– (नास्तिक)
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो– (आस्तिक)
जिसे भय नहीं है– (निर्भीक, निर्भय)
जिसे नहीं जीता जा सके– (अजेय)
जिसे या जिसका मूल नहीं है– (निर्मूल)
जिसे जानना चाहिए– (ज्ञातव्य)
जिसे पढ़ा न जा सके– (अपाठ्य)
जिसे भेदा (तोड़ा) न जा सके– (अभेद्य)
जिसे आश्वासन दिया गया हो– (आश्वस्त)
जिसे वाह्य जगत का ज्ञान न हो– (कुपमण्डूक)
जिसे त्याग देना उचित हो– (त्याज्य)
जिसे क्रय किया गया हो– (क्रीत)
जिसे समझना बहुत कठिन हो– (दुष्कर)
जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो– (दुर्भेद्य)
जिसे देश से निकाला गया हो– (निर्वासित)
जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो– ( निर्भ्रन्त)
जिसे कोई आकांक्षा न हो– (निःस्पृह)
जिसे मोक्ष की कामना हो– (मुमुक्षु)
जिसे देख या सुनकर रोम (रोंगटे) खड़े हो जायें– (रोमांचकारी)
जिसे सरलता से पढ़ा जा सके– (सुपाठ्य)
जिसे सताया गया हो– (दलित)
जिसे देखकर डर (भय) लगे– (डरावना, भयानक)
जिसे क्षमा न किया जा सके– (अक्षम्य)
जिसे कभी बुढ़ापा न आये– (अजर)
जिसे कोई जीत न सके– (अजेय)
जिसे दंड का भय न हो– (उदंड)
जिस भूमि पर कुछ न उग सके– (ऊसर)
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास न हो– (नास्तिक)
जिसे ईश्वर या वेद में विश्वास हो– (आस्तिक)
जिसे भय नहीं है– (निर्भीक, निर्भय)
जिसे नहीं जीता जा सके– (अजेय)
जिसे या जिसका मूल नहीं है– (निर्मूल)
जिसे जानना चाहिए– (ज्ञातव्य)
जिसे पढ़ा न जा सके– (अपाठ्य)
जिसे भेदा (तोड़ा) न जा सके– (अभेद्य)
जिसे आश्वासन दिया गया हो– (आश्वस्त)
जिसे वाह्य जगत का ज्ञान न हो– (कुपमण्डूक)
जिसे त्याग देना उचित हो– (त्याज्य)
जिसे क्रय किया गया हो– (क्रीत)
जिसे समझना बहुत कठिन हो– (दुष्कर)
जिसे भेदना या तोड़ना कठिन हो– (दुर्भेद्य)
जिसे देश से निकाला गया हो– (निर्वासित)
जिसे कोई भ्रम या सन्देह न हो– ( निर्भ्रन्त)
जिसे कोई आकांक्षा न हो– (निःस्पृह)
जिसे मोक्ष की कामना हो– (मुमुक्षु)
जिसे देख या सुनकर रोम (रोंगटे) खड़े हो जायें– (रोमांचकारी)
जिसे सरलता से पढ़ा जा सके– (सुपाठ्य)
जिसे सताया गया हो– (दलित)
जहाँ पहुँचा न जा सके– (अगम्य)
जहाँ पहुँचना कठिन हो– (दुर्गम)
जहाँ लोगों का मिलन हो– (सम्मेलन)
जानने की इच्छा रखने वाला– (जिज्ञासु)
जहाँ नदियों का मिलन हो– (संगम)
जन्म भर– (आजन्म)
जहाँ जाना संभव न हो– (अगम)
जहाँ तक सध सके– (यथासाध्य)
जहाँ खाना मुफ्त मिलता है– (सदाव्रत)
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके– (अगम्य)
जहाँ तक हो सके– (यथासंभव)
जहाँ तक सध सके– (यथासाध्य)
जहाँ औषधि दानस्वरूप मिलती है– (दातव्य, औषधालय)
जीने की इच्छा– (जिजीविषा)
जानने की इच्छा–(जिज्ञासा)
जल में जन्म लेने वाला– (जलज)
जल में रहने वाले जीव–जन्तु– (जलचर)
जान से मारने की इच्छा– (जिघांसा)
जीतने की इच्छा– (जिगीषा)
जोतने का काम– (जुताई)
जेठ का पुत्र– (जेठौत)
जनता द्वारा संचालित शासन– (जनतन्त्र)
जन्म से सौ वर्ष का समय– (जन्मशती)
जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह– (थक्का)
जल में लगने वाली आग– (बड़वाग्नि)
जिनकी ग्रीवा (गर्दन) सुन्दर हो– (सुग्रीव)
जैसा चाहिए वैसा– (यथोचित)
युद्ध की इच्छा रखने वाला– (युयुत्सा)
यथार्थ (सच) कहनेवाला–( यथार्थवादी)
यात्रा करनेवाला– (यात्री)
जीवन भर– (आजीवन)
जीतने की इच्छा– (जिगीषा)
जारी किया गया आधिकारिक आदेश– (अध्यादेश)
जुआ खेलने का स्थान– (फड़)
जनता में प्रचलित सुनी–सुनाई बात– (किंवदंती)
जानने की इच्छा रखने वाला– (जिज्ञासु)
जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज– (जनतंत्र)
जल में जनमनेवाला– (जलज)
जहाँ पहुँचना कठिन हो– (दुर्गम)
जहाँ लोगों का मिलन हो– (सम्मेलन)
जानने की इच्छा रखने वाला– (जिज्ञासु)
जहाँ नदियों का मिलन हो– (संगम)
जन्म भर– (आजन्म)
जहाँ जाना संभव न हो– (अगम)
जहाँ तक सध सके– (यथासाध्य)
जहाँ खाना मुफ्त मिलता है– (सदाव्रत)
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके– (अगम्य)
जहाँ तक हो सके– (यथासंभव)
जहाँ तक सध सके– (यथासाध्य)
जहाँ औषधि दानस्वरूप मिलती है– (दातव्य, औषधालय)
जीने की इच्छा– (जिजीविषा)
जानने की इच्छा–(जिज्ञासा)
जल में जन्म लेने वाला– (जलज)
जल में रहने वाले जीव–जन्तु– (जलचर)
जान से मारने की इच्छा– (जिघांसा)
जीतने की इच्छा– (जिगीषा)
जोतने का काम– (जुताई)
जेठ का पुत्र– (जेठौत)
जनता द्वारा संचालित शासन– (जनतन्त्र)
जन्म से सौ वर्ष का समय– (जन्मशती)
जमी हुई गाढ़ी चीज की मोटी तह– (थक्का)
जल में लगने वाली आग– (बड़वाग्नि)
जिनकी ग्रीवा (गर्दन) सुन्दर हो– (सुग्रीव)
जैसा चाहिए वैसा– (यथोचित)
युद्ध की इच्छा रखने वाला– (युयुत्सा)
यथार्थ (सच) कहनेवाला–( यथार्थवादी)
यात्रा करनेवाला– (यात्री)
जीवन भर– (आजीवन)
जीतने की इच्छा– (जिगीषा)
जारी किया गया आधिकारिक आदेश– (अध्यादेश)
जुआ खेलने का स्थान– (फड़)
जनता में प्रचलित सुनी–सुनाई बात– (किंवदंती)
जानने की इच्छा रखने वाला– (जिज्ञासु)
जनता द्वारा चलाया जाने वाला राज– (जनतंत्र)
जल में जनमनेवाला– (जलज)
( झ )
झूठ बोलने वाला–(झूठा)
झमेला करनेवाला– (झमेलिया)
झीं–झीं की तेज आवाज करने वाला कीड़ा– (झींगुर)
झमेला करनेवाला– (झमेलिया)
झीं–झीं की तेज आवाज करने वाला कीड़ा– (झींगुर)
( त )
तत्त्त्तव को जानने वाला– (तत्त्त्तवज्ञ)
तप करने वाला– (तपस्वी)
तेज बुद्धिवाा– (कुशाग्रबुद्धि)
तीनों लोकों का स्वामी– (त्रिलोकी)
तेजवाला– (तेजस्वी)
तीन कालों की बात जानने वाला– (त्रिकालज्ञ)
तीन युगों में होने वाला– (त्रियुगी)
तीन नदियों का संगम– (त्रिवेणी)
तीन लोको का समूह– (त्रिलोक)
तैरने की इच्छा– (तितीर्षा)
तर्क के द्वारा जो माना गया हो– (तर्कसंगत)
तीन वेदों को जाननेवाला– (त्रिवेदी)
तीन कालों को देखने वाला– (त्रिकालदर्शी)
तीन माह में एक बार होने वाला– (त्रैमासिक)
तर्क के द्वारा जो सम्मत(माना जा चुका) है– (तर्कसम्मत)
तेज गति से चलने वाला– (द्रुतगामी/तीव्रगामी)
तप करने वाला– (तपस्वी)
तेज बुद्धिवाा– (कुशाग्रबुद्धि)
तीनों लोकों का स्वामी– (त्रिलोकी)
तेजवाला– (तेजस्वी)
तीन कालों की बात जानने वाला– (त्रिकालज्ञ)
तीन युगों में होने वाला– (त्रियुगी)
तीन नदियों का संगम– (त्रिवेणी)
तीन लोको का समूह– (त्रिलोक)
तैरने की इच्छा– (तितीर्षा)
तर्क के द्वारा जो माना गया हो– (तर्कसंगत)
तीन वेदों को जाननेवाला– (त्रिवेदी)
तीन कालों को देखने वाला– (त्रिकालदर्शी)
तीन माह में एक बार होने वाला– (त्रैमासिक)
तर्क के द्वारा जो सम्मत(माना जा चुका) है– (तर्कसम्मत)
तेज गति से चलने वाला– (द्रुतगामी/तीव्रगामी)
( द )
दूर की सोचने वाला– (दूरदर्शी)
दुसरे देश से अपने देश में समान आना– (आयात)
दूसरों की बातों में दखल देना– (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला– (हार्दिक)
दया करने वाला– (दयालु)
दूसरों पर उपकार करने वाला– (उपकारी)
दूसरों के दोष को खोजने वाला– (छिद्रान्वेसी)
दूसरे के पीछे चलने वाला– (अनुचर)
दुखांत नाटक– (त्रासदी)
दर्द से भरा हुआ– (दर्दनाक)
देखने योग्य– (दर्शनीय)
दूसरों की बातों में दखल देना– (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला– (हार्दिक)
दो बार जन्म लेनेवाला– (द्विज)
दुःख देनेवाला– (दुःखद)
दर्शन के योग्य– (दर्शनीय)
दिन पर दिन– (दिनानुदिन)
द्रुपद की पुत्री– (द्रौपदी)
देखने योग्य– (दर्शनीय)
द्रुत गमन करनेवाला– (द्रुतगामी)
दाव (जंगल) का अनल (आग)- (दावानल)
दूसरों के गुणों में दोष ढूँढने की वृति का न होना– (अनसूया)
दोपहर के बाद का समय– (अपराह)
देश के लिए अपने प्राण देने वाला– (शहीद)
दुसरे देश से अपने देश में समान आना– (आयात)
दूसरों की बातों में दखल देना– (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला– (हार्दिक)
दया करने वाला– (दयालु)
दूसरों पर उपकार करने वाला– (उपकारी)
दूसरों के दोष को खोजने वाला– (छिद्रान्वेसी)
दूसरे के पीछे चलने वाला– (अनुचर)
दुखांत नाटक– (त्रासदी)
दर्द से भरा हुआ– (दर्दनाक)
देखने योग्य– (दर्शनीय)
दूसरों की बातों में दखल देना– (हस्तक्षेप)
दिल से होने वाला– (हार्दिक)
दो बार जन्म लेनेवाला– (द्विज)
दुःख देनेवाला– (दुःखद)
दर्शन के योग्य– (दर्शनीय)
दिन पर दिन– (दिनानुदिन)
द्रुपद की पुत्री– (द्रौपदी)
देखने योग्य– (दर्शनीय)
द्रुत गमन करनेवाला– (द्रुतगामी)
दाव (जंगल) का अनल (आग)- (दावानल)
दूसरों के गुणों में दोष ढूँढने की वृति का न होना– (अनसूया)
दोपहर के बाद का समय– (अपराह)
देश के लिए अपने प्राण देने वाला– (शहीद)
द्वार या आँगन के फर्श पर रंगों से चित्र बनाने या चौक पूरने की कला– (अल्पना)
दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना– (आत्मोत्सर्ग)
देश में विदेश से माल आने की क्रिया– (आयात)
दूसरों की उन्नति को न देख सकना– (ईष्र्या)
दूसरों के दोषों को खोजना– (छिद्रान्वेषण)
दूसरों के दोषों को ढूँढने वाला– (छिद्रान्वेषी)
दिन रात ठाढ़े (खड़े) रहने वाले साधु– (ठाढ़ेश्वरी)
दस वर्षो का समय– (दशक)
दाव (जंगल) में लगने वाली आग– (दावानल)
दिन पर दिन– (दिनोंदिन)
दो बार जन्म लेने वाला– (द्विज)
देने की इच्छा– (दित्सा)
दैव या प्रारब्ध सम्बन्धी बातें जानने वाला– (देवज्ञ)
दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका– (दिवाभिसारिका)
दशरथ का पुत्र– (दशरथि)
देखने की इच्छा– (दिदृक्ष)
दण्ड दिये जाने योग्य– (दण्डनीय)
दो भाषायें बोलने वाला– (द्विभाषी)
दो वेदों को जाननेवाला– (द्विवेदी)
देवताओं पर चढ़ाने हेतु बनाया गया दही, घी, जल, चीनी, और शहद का मिश्रण– (मधुपर्क)
दूसरे के स्थान पर काम करने वाला– (स्थानापन्न)
दोपहर के बाद का समय– (अपराह्नन)
दैहिक, दैविक व भौतिक ताप या कष्ट– (त्रिताप)
दीवार पर बने हुए चित्र– (भित्तिचित्र)
दूसरे के हाथ में गया हुआ– (हस्तान्तरित)
दूसरे के हित में अपने आप को संकट में डालना– (आत्मोत्सर्ग)
देश में विदेश से माल आने की क्रिया– (आयात)
दूसरों की उन्नति को न देख सकना– (ईष्र्या)
दूसरों के दोषों को खोजना– (छिद्रान्वेषण)
दूसरों के दोषों को ढूँढने वाला– (छिद्रान्वेषी)
दिन रात ठाढ़े (खड़े) रहने वाले साधु– (ठाढ़ेश्वरी)
दस वर्षो का समय– (दशक)
दाव (जंगल) में लगने वाली आग– (दावानल)
दिन पर दिन– (दिनोंदिन)
दो बार जन्म लेने वाला– (द्विज)
देने की इच्छा– (दित्सा)
दैव या प्रारब्ध सम्बन्धी बातें जानने वाला– (देवज्ञ)
दिन के समय अपने प्रिय से मिलने जाने वाली नायिका– (दिवाभिसारिका)
दशरथ का पुत्र– (दशरथि)
देखने की इच्छा– (दिदृक्ष)
दण्ड दिये जाने योग्य– (दण्डनीय)
दो भाषायें बोलने वाला– (द्विभाषी)
दो वेदों को जाननेवाला– (द्विवेदी)
देवताओं पर चढ़ाने हेतु बनाया गया दही, घी, जल, चीनी, और शहद का मिश्रण– (मधुपर्क)
दूसरे के स्थान पर काम करने वाला– (स्थानापन्न)
दोपहर के बाद का समय– (अपराह्नन)
दैहिक, दैविक व भौतिक ताप या कष्ट– (त्रिताप)
दीवार पर बने हुए चित्र– (भित्तिचित्र)
दूसरे के हाथ में गया हुआ– (हस्तान्तरित)
( ध )
धरती और आकाश के बीच का स्थान– (अंतरिक्ष)
धन से संबंध रखने वाला– (आर्थिक)
धन के देवता– (कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला– (धर्मात्मा)
ध्यान करने योग्य या लक्ष्य– (ध्येय)
धन देनेवाला (व्यक्ति या देवता)- (धनद, कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला– (धर्मात्मा)
धर्म या शास्त्र के विरुद्ध कार्य– (अधर्म)
धन से संबंध रखने वाला– (आर्थिक)
धन के देवता– (कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला– (धर्मात्मा)
ध्यान करने योग्य या लक्ष्य– (ध्येय)
धन देनेवाला (व्यक्ति या देवता)- (धनद, कुबेर)
धर्म में रूचि रखने वाला– (धर्मात्मा)
धर्म या शास्त्र के विरुद्ध कार्य– (अधर्म)
( न )
नापाक इरादे से की जाने वाली मन्त्रणा या साजिश– (दुरभिसन्धि)
नहीं मरनेवाला– (अमर)
नहीं खाने योग्य– (अखाद्य)
नव (अभी–अभी) जनमा हुआ– (नवजात)
न टूटने वाला– (अटूट)
नीचे की ओर मुख किये हुए– (अधोमुख)
नीचे की ओर लाना या खींचना– (अपकर्ष)
नाक से रक्त बहने का रोग– (नकसीर)
नख से शिखा तक के सब अंग– (नखशिख)
नष्ट होने वाला– (नश्वर)
नभ (आकाश) में विचरण करने वाला– (नभचर/खेचर)
नया उदित होने वाला– (नवोदित)
नदी से सींचा जानेवाला प्रदेश– (नदीमातृक)
नया–नया आया हुआ– (नवागन्तुक)
नगर में जन्म लेने वाला– (नागरिक)
निशि में विचरण करने वाला– (निशाचर)
निर्वाचन में अपना मत देने वाला– (निर्वाचक)
नए युग या प्रवृत्ति का निर्माण करने वाला– (युगनिर्माता)
नए युग या प्रवृत्ति का प्रवर्तन (लागू करने) वाला– (युगप्रवर्तक)
न बहुत शीत (ठंडा) न बहुत उष्ण (गर्म)- (समशीतोष्ण)
न हो सकने वाला– (अशक्य/असंभव)
नगर में रहनेवाला– (नागरिक)
नगर का रहनेवाला– (नागरिक, नागर)
नया (तुरंत का) जनमा हुआ– (नवजात)
निशा में विचरण करनेवाला– (निशाचर)
निन्दा करने योग्य– (निन्दनीय)
न्याय करने वाला– (न्यायाधीश)
नियम विरुद्ध या निन्दनीय कार्य करने वालों की सूची– (काली सूचि/ब्लैक लिस्ट)
नहीं मरनेवाला– (अमर)
नहीं खाने योग्य– (अखाद्य)
नव (अभी–अभी) जनमा हुआ– (नवजात)
न टूटने वाला– (अटूट)
नीचे की ओर मुख किये हुए– (अधोमुख)
नीचे की ओर लाना या खींचना– (अपकर्ष)
नाक से रक्त बहने का रोग– (नकसीर)
नख से शिखा तक के सब अंग– (नखशिख)
नष्ट होने वाला– (नश्वर)
नभ (आकाश) में विचरण करने वाला– (नभचर/खेचर)
नया उदित होने वाला– (नवोदित)
नदी से सींचा जानेवाला प्रदेश– (नदीमातृक)
नया–नया आया हुआ– (नवागन्तुक)
नगर में जन्म लेने वाला– (नागरिक)
निशि में विचरण करने वाला– (निशाचर)
निर्वाचन में अपना मत देने वाला– (निर्वाचक)
नए युग या प्रवृत्ति का निर्माण करने वाला– (युगनिर्माता)
नए युग या प्रवृत्ति का प्रवर्तन (लागू करने) वाला– (युगप्रवर्तक)
न बहुत शीत (ठंडा) न बहुत उष्ण (गर्म)- (समशीतोष्ण)
न हो सकने वाला– (अशक्य/असंभव)
नगर में रहनेवाला– (नागरिक)
नगर का रहनेवाला– (नागरिक, नागर)
नया (तुरंत का) जनमा हुआ– (नवजात)
निशा में विचरण करनेवाला– (निशाचर)
निन्दा करने योग्य– (निन्दनीय)
न्याय करने वाला– (न्यायाधीश)
नियम विरुद्ध या निन्दनीय कार्य करने वालों की सूची– (काली सूचि/ब्लैक लिस्ट)
( ट, ठ )
टाइप करने की कला– ( टंकण)
ठीक अपने क्रम से आया हुआ– (क्रमागत)
ठगों का मोदक/लड्डू जिसमें बेहोश करने वाली– (ठगमोदक/ठगलड्डू)
ठकठक करके बर्तन बनानेवाला– (ठठेरा)
ठठेरे की बिल्ली जो ठक ठक शब्द से न डरे– (ठठेरमंजारिका)
ठन ठन की आवाज– (ठनकार)
ठूसकर भरा हुआ– (ठसाठस)
ठीका लेनेवाला– (ठीकेदार)
ठीक अपने क्रम से आया हुआ– (क्रमागत)
ठगों का मोदक/लड्डू जिसमें बेहोश करने वाली– (ठगमोदक/ठगलड्डू)
ठकठक करके बर्तन बनानेवाला– (ठठेरा)
ठठेरे की बिल्ली जो ठक ठक शब्द से न डरे– (ठठेरमंजारिका)
ठन ठन की आवाज– (ठनकार)
ठूसकर भरा हुआ– (ठसाठस)
ठीका लेनेवाला– (ठीकेदार)
( ड )
डंडी मारनेवाला– (डंडीमार)
डाका मारनेवाला– (डकैत)
डफली बजानेवाला– (डफालची /डफाली)
डाका मारने का काम– (डकैती)
ड्योढ़ी पर रहनेवाला पहरेदार– (ड्योढ़ीदार)
डाका मारनेवाला– (डकैत)
डफली बजानेवाला– (डफालची /डफाली)
डाका मारने का काम– (डकैती)
ड्योढ़ी पर रहनेवाला पहरेदार– (ड्योढ़ीदार)
( ढ )
ढिंढोरा पिटने वाला– (ढिंढोरिया)
ढालने का काम– (ढलाई)
ढीला होने का भाव– (ढिलाई)
ढोंग रचनेवाला– (ढोंगी)
ढोलक बजानेवाला– (ढोलकिया)
ढालने का काम– (ढलाई)
ढीला होने का भाव– (ढिलाई)
ढोंग रचनेवाला– (ढोंगी)
ढोलक बजानेवाला– (ढोलकिया)
( प )
पंद्रह दिन में एक बार होने वाला– (पाक्षिक)
पुत्र की वधू– (पुत्रवधू)
पुत्र का पुत्र– (पौत्र)
पढ़ने योग्य– (पठनीय)
पति–पत्नी का जोड़ा– (दम्पति)
प्रतिदिन होने वाला–(प्रतिदिन)
पथ का प्रदर्शन करनेवाला– (पथप्रदर्शक)
प्रिय बोलने वाली स्त्री– (प्रियंवदा)
पूजने योग्य– (पूजनीय, पूज्य)
पुत्र की वधू– (पुत्रवधू)
पुत्र का पुत्र– (पौत्र)
पढ़ने योग्य– (पठनीय)
पाद (पैर) से मस्तक (सिर) तक– (आपादमस्तक)
पूछने योग्य– (प्रष्टव्य)
पर्ण (पत्ते) की बनी हुई कुटी– (पर्णकुटी)
प्रकृतिसम्बन्धी– (प्राकृतिक)
पंक्ति में सबसे आगे खड़ा होने वाला– (अग्रसर)
परलोक का– (पारलौकिक)
परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला– (अनुश्रुति)
पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय–ग्राह्य विभाग या मात्रा– (अणु)
पैर से लेकर सिर तक– (आपादमस्तक)
पूरब और उत्तर के बीच की दिशा– (ईशान)
पुत्र की वधू– (पुत्रवधू)
पुत्र का पुत्र– (पौत्र)
पढ़ने योग्य– (पठनीय)
पति–पत्नी का जोड़ा– (दम्पति)
प्रतिदिन होने वाला–(प्रतिदिन)
पथ का प्रदर्शन करनेवाला– (पथप्रदर्शक)
प्रिय बोलने वाली स्त्री– (प्रियंवदा)
पूजने योग्य– (पूजनीय, पूज्य)
पुत्र की वधू– (पुत्रवधू)
पुत्र का पुत्र– (पौत्र)
पढ़ने योग्य– (पठनीय)
पाद (पैर) से मस्तक (सिर) तक– (आपादमस्तक)
पूछने योग्य– (प्रष्टव्य)
पर्ण (पत्ते) की बनी हुई कुटी– (पर्णकुटी)
प्रकृतिसम्बन्धी– (प्राकृतिक)
पंक्ति में सबसे आगे खड़ा होने वाला– (अग्रसर)
परलोक का– (पारलौकिक)
परम्परा से चली आई हुई बात, उक्ति या कला– (अनुश्रुति)
पदार्थ का सबसे छोटा इन्द्रिय–ग्राह्य विभाग या मात्रा– (अणु)
पैर से लेकर सिर तक– (आपादमस्तक)
पूरब और उत्तर के बीच की दिशा– (ईशान)
पर्वत के पास की भूमि– (उपत्यका)
परब्रह्म का सूचक ‘ओं‘ शब्द– (ओंकार)
पद, उम्र आदि के विचार से औरों से अपेक्षाकृत छोटा– (कनिष्ठ)
प्राचीन आदर्श के अनुकूल चलने वाला– (गतानुगतिका)
पृथ्वी की वह शक्ति जो सभी चीजों की अपनी ओर खींचती हो– (गुरुत्वाकर्षण)
पत्रों आदि को दूरस्थ स्थानों पर पहुँचाने वाली सेवा– (डाक सेवा)
पुलिस की बड़ी चौकी– (थाना)
पति–पत्नी का जोड़ा– (दम्पती)
पति के छोटे भाई की स्त्री– (देवरानी)
पंडितों में पंडित– (पंडितरा)
पथ का प्रदर्शन करने वाला– (पथ-प्रदर्शक)
पानी में डूबकर चलने वाली नाव– (पनडुब्बी)
पन्द्रह दिन में होने वाला– (पाक्षिक)
पीने की इच्छा– (पिपासा)
पिता की हत्या करनेवाला– (पितृहंता)
पिता की पिता– (पितामह)
पिता के पिता का पिता– (प्रपितामह)
प्राण देनेवाली औषधि– (प्राणदा)
पाप या अपराध करने पर दोषमुक्त होने के लिए किया जाने वाला धार्मिक या शुभ कार्य– (प्रायश्चित)
प्रिय बोलनेवाली स्त्री– (प्रियंवदा)
पिता से प्राप्त की हुई (सम्पत्ति)- (पैतृक)
प्रयोग में लाने योग्य– (प्रयोजनीय)
पर्वत की कन्या– (पार्वती)
पाने की इच्छा– (लिप्सा)
प्रतिकूल पक्ष का– (विपक्षी)
प्रतिदिन होने वाला– (दैनिक)
पर्वत पर चढ़ने वाला– (पर्वतारोही)
परीक्षा देने वाला– (परीक्षार्थी)
प्राणों पर संकट लाने वाला– (सांघातिक)
परब्रह्म का सूचक ‘ओं‘ शब्द– (ओंकार)
पद, उम्र आदि के विचार से औरों से अपेक्षाकृत छोटा– (कनिष्ठ)
प्राचीन आदर्श के अनुकूल चलने वाला– (गतानुगतिका)
पृथ्वी की वह शक्ति जो सभी चीजों की अपनी ओर खींचती हो– (गुरुत्वाकर्षण)
पत्रों आदि को दूरस्थ स्थानों पर पहुँचाने वाली सेवा– (डाक सेवा)
पुलिस की बड़ी चौकी– (थाना)
पति–पत्नी का जोड़ा– (दम्पती)
पति के छोटे भाई की स्त्री– (देवरानी)
पंडितों में पंडित– (पंडितरा)
पथ का प्रदर्शन करने वाला– (पथ-प्रदर्शक)
पानी में डूबकर चलने वाली नाव– (पनडुब्बी)
पन्द्रह दिन में होने वाला– (पाक्षिक)
पीने की इच्छा– (पिपासा)
पिता की हत्या करनेवाला– (पितृहंता)
पिता की पिता– (पितामह)
पिता के पिता का पिता– (प्रपितामह)
प्राण देनेवाली औषधि– (प्राणदा)
पाप या अपराध करने पर दोषमुक्त होने के लिए किया जाने वाला धार्मिक या शुभ कार्य– (प्रायश्चित)
प्रिय बोलनेवाली स्त्री– (प्रियंवदा)
पिता से प्राप्त की हुई (सम्पत्ति)- (पैतृक)
प्रयोग में लाने योग्य– (प्रयोजनीय)
पर्वत की कन्या– (पार्वती)
पाने की इच्छा– (लिप्सा)
प्रतिकूल पक्ष का– (विपक्षी)
प्रतिदिन होने वाला– (दैनिक)
पर्वत पर चढ़ने वाला– (पर्वतारोही)
परीक्षा देने वाला– (परीक्षार्थी)
प्राणों पर संकट लाने वाला– (सांघातिक)
( फ )
फलनेवाला या फल (ठीक परिणाम) देनेवाला– (फलदायी)
फल–फूल खाने वाला– (शाकाहारी)
फेन से भरा हुआ– (फेनिल)
फेंककर चलाया जाने वाला हथियार– (अस्त्र)
फल–फूल खाने वाला– (शाकाहारी)
फेन से भरा हुआ– (फेनिल)
फेंककर चलाया जाने वाला हथियार– (अस्त्र)
( ब )
बुरा (दुर्) आग्रह– (दुराग्रह)
बुरे आचरण वाला– (दुराचारी)
बुरे चरित्र वाला– (दुश्चरित्र)
बच्चों के लिए काम की वस्तु– (बालोपयोगी)
बिलकुल बरबाद हो गया हो– (ध्वस्त)
बहुत तेज चलने वाला– (द्रुतगामी)
बिना वेतन का– (अवैतनिक)
बीता हुआ– (अतीत)
बुरे आचरण वाला– (दुराचारी)
बुरे चरित्र वाला– (दुश्चरित्र)
बच्चों के लिए काम की वस्तु– (बालोपयोगी)
बिलकुल बरबाद हो गया हो– (ध्वस्त)
बहुत तेज चलने वाला– (द्रुतगामी)
बिना वेतन का– (अवैतनिक)
बीता हुआ– (अतीत)
बेचनेवाला– (विक्रेता)
बिना आयास (परिश्रम) के– (अनायास)
बिना पलक गिराये– (एकटक)
बिना अंकुश का– (निरंकुश)
बिना पलक गिराये हुए– (अनिमेष)
बिना वेतन के कार्य करने वाला– (अवैतनिक)
बालक से वृद्ध तक– (आबालवृद्ध)
बेलों आदि से घिरा हुआ सुरम्य स्थान– (कुंज)
बहुत गप्पे हाँकनेवाला–(गपोड़िया)
बहुत सी घटनाओं का सिलसिला– (घटनावली, घटनाक्रम)
बरसात के चार महीने– (चतुर्मास)
बहुत डरनेवाला– (डरपोक)
बहुत दूर की बात पहले से ही सोच लेने वाला– (दूरदर्शी)
बहुत चंचल, दुष्ट और अपनी प्रशंसा करने वाला नायक– (धीरोद्धत)
बिना पलक गिराये हुए– (निर्निमेष)
बच्चा जनने वाली स्त्री– (प्रसूत)
बहुत–सी भाषाओं को बोलने वाला– (बहुभाषाभाषी)
बहुत–सी भाषाओं को जानने वाला– (बहुभाषाविद)
बहुत से रूप धारण करने वाला– (बहुरूपिया)
बहुत बोलने वाला– (बहुभाषी)
बच्चों को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत– (लोरी)
बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का समय– (वयः सन्धि)
बिक्री करनेवाला– (विक्रेता)
बोलने की इच्छा– (विवाक्षा)
बिजली की तरह तीव्र वेग वाला– (विघुतवेग)
बिना माता–पिता का– (अनाथ)
बिजली की तरह कान्ति (चमक) वाला–(विधुत्प्रभ)
बिना आयास (परिश्रम) के– (अनायास)
बिना पलक गिराये– (एकटक)
बिना अंकुश का– (निरंकुश)
बिना पलक गिराये हुए– (अनिमेष)
बिना वेतन के कार्य करने वाला– (अवैतनिक)
बालक से वृद्ध तक– (आबालवृद्ध)
बेलों आदि से घिरा हुआ सुरम्य स्थान– (कुंज)
बहुत गप्पे हाँकनेवाला–(गपोड़िया)
बहुत सी घटनाओं का सिलसिला– (घटनावली, घटनाक्रम)
बरसात के चार महीने– (चतुर्मास)
बहुत डरनेवाला– (डरपोक)
बहुत दूर की बात पहले से ही सोच लेने वाला– (दूरदर्शी)
बहुत चंचल, दुष्ट और अपनी प्रशंसा करने वाला नायक– (धीरोद्धत)
बिना पलक गिराये हुए– (निर्निमेष)
बच्चा जनने वाली स्त्री– (प्रसूत)
बहुत–सी भाषाओं को बोलने वाला– (बहुभाषाभाषी)
बहुत–सी भाषाओं को जानने वाला– (बहुभाषाविद)
बहुत से रूप धारण करने वाला– (बहुरूपिया)
बहुत बोलने वाला– (बहुभाषी)
बच्चों को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत– (लोरी)
बाल्यावस्था और युवावस्था के बीच का समय– (वयः सन्धि)
बिक्री करनेवाला– (विक्रेता)
बोलने की इच्छा– (विवाक्षा)
बिजली की तरह तीव्र वेग वाला– (विघुतवेग)
बिना माता–पिता का– (अनाथ)
बिजली की तरह कान्ति (चमक) वाला–(विधुत्प्रभ)
( भ )
भली प्रकार से सीखा हुआ– (अभ्यस्त)
भलाई चाहने वाला– (हितैषी)
भविष्य में होनेवाला– (भावी)
भौहों के बीच का ऊपरी भाग– (त्रिकुटी)
भोजन करने की इच्छा– (बुभुक्षा)
भविष्य में होनेवाला– (भावी)
भूतों का ईश्वर– (भूतेश)
भलाई चाहने वाला– (हितैषी)
भविष्य में होनेवाला– (भावी)
भौहों के बीच का ऊपरी भाग– (त्रिकुटी)
भोजन करने की इच्छा– (बुभुक्षा)
भविष्य में होनेवाला– (भावी)
भूतों का ईश्वर– (भूतेश)
भेड़ का बच्चा– (मेमना)
भलाई की इच्छा रखने वाला– (हितैषी)
भूत–वर्तमान–भविष्य को देखने (जानने) वाले– (त्रिकालदर्शी)
भूख से व्याकुल– (क्षुधातुर)
भलाई की इच्छा रखने वाला– (हितैषी)
भूत–वर्तमान–भविष्य को देखने (जानने) वाले– (त्रिकालदर्शी)
भूख से व्याकुल– (क्षुधातुर)
( म )
मास में एक बार आने वाला– (मासिक)
मांस न खाने वाला– (निरामिष)
मांस खाने वाला – (मांसाहारी)
मछली की तरह आँखों वाली– (मीनाक्षी)
मयूर की तरह आँखों वाली– (मयूराक्षी)
मरण तक– पेय
मिष्ट या मधुर भाषण करनेवाला– (मिष्टभाषी, मधुरभाषी)
मन की वृत्ति (अवस्था)- (मनोवृत्ति)
मरण तक– आमरण
मेघ की तरह नाद करनेवाला– (मेघनाद)
महीने के किसी पक्ष की चौथी तिथि– (चतुर्थी)
मूल बातों को संक्षेप में लिखना– (टिप्पणी)
मछली पकड़ने या बेचने वाली जाति विशेष– (धीवर)
मनन करने योग्य– (मननीय)
मित (कम)बोलने वाला– (मितभाषी)
माता की हत्या करनेवाला– (मातृहंता/मातृघाती)
मरने की इच्छा– (मुमूर्षा)
मुँह पर निकलने वाली फुंसियाँ– (मुँहासे)
मेघ की तरह नाद करनेवाला– (मेघनाद)
महल का भीतरी भाग– (अन्तःपुर)
मनपसन्द या नामांकित– (मनोनीत)
मांस आहार या भोजन करनेवाला– (मांसाहारी/मांसभोजी)
मिठाई बनाने और बेचने वाला– (हलवाई)
मांस न खाने वाला– (निरामिष)
मांस खाने वाला – (मांसाहारी)
मछली की तरह आँखों वाली– (मीनाक्षी)
मयूर की तरह आँखों वाली– (मयूराक्षी)
मरण तक– पेय
मिष्ट या मधुर भाषण करनेवाला– (मिष्टभाषी, मधुरभाषी)
मन की वृत्ति (अवस्था)- (मनोवृत्ति)
मरण तक– आमरण
मेघ की तरह नाद करनेवाला– (मेघनाद)
महीने के किसी पक्ष की चौथी तिथि– (चतुर्थी)
मूल बातों को संक्षेप में लिखना– (टिप्पणी)
मछली पकड़ने या बेचने वाली जाति विशेष– (धीवर)
मनन करने योग्य– (मननीय)
मित (कम)बोलने वाला– (मितभाषी)
माता की हत्या करनेवाला– (मातृहंता/मातृघाती)
मरने की इच्छा– (मुमूर्षा)
मुँह पर निकलने वाली फुंसियाँ– (मुँहासे)
मेघ की तरह नाद करनेवाला– (मेघनाद)
महल का भीतरी भाग– (अन्तःपुर)
मनपसन्द या नामांकित– (मनोनीत)
मांस आहार या भोजन करनेवाला– (मांसाहारी/मांसभोजी)
मिठाई बनाने और बेचने वाला– (हलवाई)
( य )
यात्रा करनेवाला– (यात्री)
यशवाला– (यशस्वी)
युद्ध में स्थिर रहता है– (युधिष्ठिर)
याचना करनेवाला– (याचक)
युग का निर्माण करनेवाला– (युगनिर्माता)
यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ घर– (धर्मशाला)
यश वाला– (यशस्वी)
युद्ध का जहाज– (युद्धपोत)
युद्ध की इच्छा रखने वाला– (युयुत्सा)
यथार्थ (सच) कहनेवाला– (यथार्थवादी)
यशवाला– (यशस्वी)
युद्ध में स्थिर रहता है– (युधिष्ठिर)
याचना करनेवाला– (याचक)
युग का निर्माण करनेवाला– (युगनिर्माता)
यात्रियों के लिए धर्मार्थ बना हुआ घर– (धर्मशाला)
यश वाला– (यशस्वी)
युद्ध का जहाज– (युद्धपोत)
युद्ध की इच्छा रखने वाला– (युयुत्सा)
यथार्थ (सच) कहनेवाला– (यथार्थवादी)
( र )
राज्य के अधिपति द्वारा जारी किया गया वो आधिकारिक आदेश जो किसी विशेष समय तक ही लागू हो– (अध्यादेश)
रोगी की चिकित्सा करने वाला– (चिकित्सक)
रचना करने वाला– (रचयिता)
रात में घूमने वाला– (निशाचर)
रात और सन्ध्या के बीच की वेला– (गोधूलि)
राजनीतिज्ञों एवं राजदूतों की कला– (कूटनीति)
रात और सन्ध्या के बीच का समय– (गोधूलि)
रोगियों की चिकित्सा करने का स्थान– (चिकित्सालय)
रक्त में रँगा हुआ या भरा हुआ– (रक्तरंजित)
रात को दिखाई न देनेवाला रोग– (रतौंधी)
राष्ट्र का प्रमुख– (राष्ट्रपति)
राजा या राज्य के प्रति किया जाने वाला विद्रोह– (राजद्रोह)
रोगी की चिकित्सा करने वाला– (चिकित्सक)
रचना करने वाला– (रचयिता)
रात में घूमने वाला– (निशाचर)
रात और सन्ध्या के बीच की वेला– (गोधूलि)
राजनीतिज्ञों एवं राजदूतों की कला– (कूटनीति)
रात और सन्ध्या के बीच का समय– (गोधूलि)
रोगियों की चिकित्सा करने का स्थान– (चिकित्सालय)
रक्त में रँगा हुआ या भरा हुआ– (रक्तरंजित)
रात को दिखाई न देनेवाला रोग– (रतौंधी)
राष्ट्र का प्रमुख– (राष्ट्रपति)
राजा या राज्य के प्रति किया जाने वाला विद्रोह– (राजद्रोह)
( ल )
लौटकर आया हुआ– (प्रत्यागत)
लोक का– (लौकिक)
लेखक द्वारा लिखित अपनी जीवनी– (आत्मकथा)
लाभ की इच्छा– (लिप्सा)
लगातार घंटा बजने से होनेवाला शब्द– (टनाटन)
लोक का– (लौकिक)
लेखक द्वारा लिखित अपनी जीवनी– (आत्मकथा)
लाभ की इच्छा– (लिप्सा)
लगातार घंटा बजने से होनेवाला शब्द– (टनाटन)
( व )
विधानमंडल द्वारा पारित या स्वीकृत नियम– (अधिनियम)
वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाय– (अधिपत्र)
वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क– (अधिशुल्क)
वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले– (अध्गूढा)
विद्या की देवी– (सरस्वती)
वर्षा का अभाव– (अनावृष्टि)
वह पत्र जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो– (अधिपत्र)
वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो– (आगतपतिक)
वह स्त्री जिसका पति आने वाला है– (आगमिस्यतपतिका)
वह जो अपने आचार से पवित्र है– (आचारपूत)
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके– (अगम्य)
वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके– (आशुकवि)
वह वस्तु जिसका उत्पादन हुआ हो– (उत्पाद)
वह व्यक्ति जो हाथ उठाए हो– (उध्र्वबाहु)
वह बात जो जनसाधरण में चलती आ रही है– (किंवदन्ती)
वह नायिका जो कृष्ण पक्ष में अपने प्रेमी से मिलने जाती हो– (कृष्णाभिसारिका)
वह नायिका जिसका पति रात को किसी अन्य स्त्री के पास रहकर प्रातः उसके पास आता हो– (खंडिता)
वह नाटक जिसमें गीत अधिक हों– (गीतरूपक)
वह कपड़ा जिससे कोई चीज झाड़ी जाय– (झाड़न)
वात, पित्त व कफ– (त्रिदोष)
विवाद या गुटबन्दी से अलग रहने वाला– (तटस्थ/गुटनिरपेक्ष)
विवाह के पश्चात वधू का ससुराल में दूसरी बार आना– (द्विरागमन)
वह स्त्री जिसके पति ने त्याग (छोड़) दिया हो– (परित्यक्ता)
वह शासन प्रणाली जिसमें जन साधारण का शासन हो– (प्रत्युत्पन्नमति)
वह जिससे प्रेम किया जाय– (प्रेमपात्र)
वह नायिका जिसका पति विदेश जाने को है– (प्रवत्स्यपतिका)
वह स्त्री जिसका पति प्रोषित (परदेश गया) हो– (प्रोषितपतिका)
वह पात्र जिसमें शोभा के लिए फूल लगाकर रखे जाते है– (फूलदान)
वह स्त्री जिसमें पृथ्वी के स्वरूप का वर्णन हो– (भूगोल)
वें बातें जो पुस्तक के आरंभ में लिखी जाय– (भूमिका/प्राक्कथन)
वह स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो– (मुद्रास्फीति)
वह पूँजी जो सम्पत्ति आदि के रूप में हो– (रिक्थ)
वह काव्य जिसका अभिनय किया जाय– (रूपक)
वह शासन प्रणाली जो जनता द्वारा जनता के हित के लिए हो– (लोकतंत्र)
वसुदेव के पुत्र– (वासुदेव)
वाडव (सागर) का अनल (आग)- (वाडवानल)
विश्व का पर्यटन करनेवाला– (विश्वपर्यटक)
विधि (कानून) के द्वारा प्राप्त– (विधिप्रदत)
वह पत्र, जिसमें किसी को कोई काम करने का अधिकार दिया जाय– (अधिपत्र)
वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क– (अधिशुल्क)
वह स्त्री जिसका पति दूसरा विवाह कर ले– (अध्गूढा)
विद्या की देवी– (सरस्वती)
वर्षा का अभाव– (अनावृष्टि)
वह पत्र जिसमें किसी को कुछ करने का अधिकार दिया गया हो– (अधिपत्र)
वह स्त्री जिसका पति परदेश से लौटा हो– (आगतपतिक)
वह स्त्री जिसका पति आने वाला है– (आगमिस्यतपतिका)
वह जो अपने आचार से पवित्र है– (आचारपूत)
जहाँ गमन (जाया) न किया जा सके– (अगम्य)
वह कवि जो तत्क्षण कविता कर सके– (आशुकवि)
वह वस्तु जिसका उत्पादन हुआ हो– (उत्पाद)
वह व्यक्ति जो हाथ उठाए हो– (उध्र्वबाहु)
वह बात जो जनसाधरण में चलती आ रही है– (किंवदन्ती)
वह नायिका जो कृष्ण पक्ष में अपने प्रेमी से मिलने जाती हो– (कृष्णाभिसारिका)
वह नायिका जिसका पति रात को किसी अन्य स्त्री के पास रहकर प्रातः उसके पास आता हो– (खंडिता)
वह नाटक जिसमें गीत अधिक हों– (गीतरूपक)
वह कपड़ा जिससे कोई चीज झाड़ी जाय– (झाड़न)
वात, पित्त व कफ– (त्रिदोष)
विवाद या गुटबन्दी से अलग रहने वाला– (तटस्थ/गुटनिरपेक्ष)
विवाह के पश्चात वधू का ससुराल में दूसरी बार आना– (द्विरागमन)
वह स्त्री जिसके पति ने त्याग (छोड़) दिया हो– (परित्यक्ता)
वह शासन प्रणाली जिसमें जन साधारण का शासन हो– (प्रत्युत्पन्नमति)
वह जिससे प्रेम किया जाय– (प्रेमपात्र)
वह नायिका जिसका पति विदेश जाने को है– (प्रवत्स्यपतिका)
वह स्त्री जिसका पति प्रोषित (परदेश गया) हो– (प्रोषितपतिका)
वह पात्र जिसमें शोभा के लिए फूल लगाकर रखे जाते है– (फूलदान)
वह स्त्री जिसमें पृथ्वी के स्वरूप का वर्णन हो– (भूगोल)
वें बातें जो पुस्तक के आरंभ में लिखी जाय– (भूमिका/प्राक्कथन)
वह स्थिति जब मुद्रा का चलन अधिक हो– (मुद्रास्फीति)
वह पूँजी जो सम्पत्ति आदि के रूप में हो– (रिक्थ)
वह काव्य जिसका अभिनय किया जाय– (रूपक)
वह शासन प्रणाली जो जनता द्वारा जनता के हित के लिए हो– (लोकतंत्र)
वसुदेव के पुत्र– (वासुदेव)
वाडव (सागर) का अनल (आग)- (वाडवानल)
विश्व का पर्यटन करनेवाला– (विश्वपर्यटक)
विधि (कानून) के द्वारा प्राप्त– (विधिप्रदत)
वेतन पर काम करने वाला– (वैतनिक)
विष्णु का भक्त या विष्णु संबंधी– (वैष्णव)
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है– (श्मशान)
वह पुरुष जिसकी पत्नी साथ है– (सपत्नीक) विष्णु का उपासक या विष्णु से सम्बद्ध– (वैष्ण्व)
(विदेश में) प्रवास करनेवाला– (प्रवासी)
वह जिसकी दृष्टि दूर तक जाय– (दूरदर्शी)
वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ हो– (दृढ़प्रतिज्ञ)
विधि (कानून ) द्वारा प्रदत्त (प्राप्त)- (विधिप्रदत्त)
वृष्टि का अभाव– (अनावृष्टि)
विश्र्वास के योग्य – (विश्र्वसनीय)
विद्या की चाह रखने वाला– (विद्यार्थी)
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है– (श्मशान)
(वह पुरुष) जिसकी पति साथ है– (सपतीक)
(वह स्त्री) जिसे पति छोड़ दे– (परित्यक्ता)
वह पहाड़ जिससे आग निकलती हो– (ज्वालामुखी)
विदेश से वस्तुयें मँगाना– (आयात)
व्याकरण जाननेवाला– (वैयाकरण)
विष्णु का भक्त या विष्णु संबंधी– (वैष्णव)
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है– (श्मशान)
वह पुरुष जिसकी पत्नी साथ है– (सपत्नीक) विष्णु का उपासक या विष्णु से सम्बद्ध– (वैष्ण्व)
(विदेश में) प्रवास करनेवाला– (प्रवासी)
वह जिसकी दृष्टि दूर तक जाय– (दूरदर्शी)
वह जिसकी प्रतिज्ञा दृढ हो– (दृढ़प्रतिज्ञ)
विधि (कानून ) द्वारा प्रदत्त (प्राप्त)- (विधिप्रदत्त)
वृष्टि का अभाव– (अनावृष्टि)
विश्र्वास के योग्य – (विश्र्वसनीय)
विद्या की चाह रखने वाला– (विद्यार्थी)
वह स्थान जहाँ मुर्दे जलाये जाते है– (श्मशान)
(वह पुरुष) जिसकी पति साथ है– (सपतीक)
(वह स्त्री) जिसे पति छोड़ दे– (परित्यक्ता)
वह पहाड़ जिससे आग निकलती हो– (ज्वालामुखी)
विदेश से वस्तुयें मँगाना– (आयात)
व्याकरण जाननेवाला– (वैयाकरण)
( श, स )
शीघ्र नष्ट होने वाला– (क्षणभंगुर)
सब कुछ जानने वाला– (सर्वज्ञ)
सौतेली माँ– (विमाता)
सब कुछ भक्षण करनेवाला– (सर्वभक्षी)
सप्ताह में एक बार होने वाला– (साप्ताहिक)
साहित्य से सम्बन्ध रखने वाला– (साहित्यिक)
सत्य बोलने वाला– (सत्यवादी)
सुख देनेवाला– (सुखद)
समान उदर से जन्म लेनेवाला– (सहोदर)
सेवा से सम्बद्ध– (साहित्यिक)
शक्ति के अनुसार– (यथाशक्ति)
सबसे प्रिय– (प्रियतम)
सुनने योग्य– (श्रवणीय)
समान (एक ही)उदर से जन्म लेनेवाला– (सहोदर)
सुन्दर हृदयवाला– (सुहृद)
स्त्री–पुरुष का जोड़ा– (दम्पति)
स्वेद से उत्पत्र होनेवाला– (स्वेदज)
शिव का उपासक या शिव से सम्बद्ध– (शैव)
शक्ति का उपासक या शक्ति से सम्बद्ध– (शाक्त)
समाचार पत्र का मुख्य (सम्पादकीय) लेख– (अग्रलेख)
सीमा का अनुचित उल्लंघन– (अतिक्रमण)
सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी– (अधिनायक)
सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी बजट में छपी सूचना– (अधिसूचना)
संसार में सबका प्रिय– (लोकप्रिय)
शरीर के लिए जितना धन आवश्यक हो उससे अधिक न लेना– (अपरिग्रह)
शरीर का कोई भाग– (अवयव)
सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम कर देना– (अवमूल्यन)
सीमा का उल्लंघन करना– (अतिक्रमण)
सामाजिक एवं प्रशासनिक अनुशासन की क्रूरता से उत्पत्र स्थिति– (आतंक)
सर्वप्रथम मत को प्रवर्तित करने वाला– (आदिप्रवर्तक)
सेतुबंध रामेश्वरम से हिमालय तक– (आसेतुहिमालय)
सूर्य जिस पर्वत के पीछे निकलता है– (उदयाचल)
सूर्योदय से पहले का समय– (उषाकाल)
सारे संसार के देशों की खेल प्रतियोगितायें– (ओलम्पिक)
सेना में रहने का स्थान– (छावनी)
सहसा छिपकर आक्रमण करने वाला– (छापामार)
सिक्के ढालने का कारखाना– (टकसाल)
स्थल या जल का वह तंग या पतला भाग जो स्थल या जल के दो बड़े खंडों को मिलाता है– (डमरूमध्य)
सत्व, रज व तम– (त्रिगुण)
स्वर्गलोक, मृत्युलोक और पाताललोक– (त्रिभुवन/त्रिलोक)
शीतल, मन्द व सुगन्धित वायु– (त्रिविधवायु)
स्त्री–पुरुष का जोड़ा/पति–पत्नी का जोड़ा– (दम्पती)
सदा प्रसन्न रहने वाली या कला–प्रेमी नायक– (धीरललित)
शक्तिशाली, दयालु और योद्धा नायक– (धीरोदात्त)
शासकीय अधिकारियों का शासन– (नौकरशाही)
शरीर के एक पार्श्व का लकवा– (पक्षाघात)
समान रूप से आगे बढ़ने की चेष्टा– (प्रतिस्पर्द्धा)
शक्ति के अनुसार– (यथाशक्ति)
स्पष्टीकरण के लिए दिया जाने वाला वक्तव्य– (विवृति)
सौ वर्ष का समय– (शताब्दी)
शत्रु का नाश करने वाला– (शत्रुघ्न)
सौ में सौ– (शतप्रतिशत)
शयन (सोने) का आगार (कमरा)- (शयनागार)
शरण में आया हुआ– (शरणागत)
सब कुछ जानने वाला– (सर्वज्ञ)
सौतेली माँ– (विमाता)
सब कुछ भक्षण करनेवाला– (सर्वभक्षी)
सप्ताह में एक बार होने वाला– (साप्ताहिक)
साहित्य से सम्बन्ध रखने वाला– (साहित्यिक)
सत्य बोलने वाला– (सत्यवादी)
सुख देनेवाला– (सुखद)
समान उदर से जन्म लेनेवाला– (सहोदर)
सेवा से सम्बद्ध– (साहित्यिक)
शक्ति के अनुसार– (यथाशक्ति)
सबसे प्रिय– (प्रियतम)
सुनने योग्य– (श्रवणीय)
समान (एक ही)उदर से जन्म लेनेवाला– (सहोदर)
सुन्दर हृदयवाला– (सुहृद)
स्त्री–पुरुष का जोड़ा– (दम्पति)
स्वेद से उत्पत्र होनेवाला– (स्वेदज)
शिव का उपासक या शिव से सम्बद्ध– (शैव)
शक्ति का उपासक या शक्ति से सम्बद्ध– (शाक्त)
समाचार पत्र का मुख्य (सम्पादकीय) लेख– (अग्रलेख)
सीमा का अनुचित उल्लंघन– (अतिक्रमण)
सर्वाधिकार सम्पन्न शासक या अधिकारी– (अधिनायक)
सरकार द्वारा प्रकाशित या सरकारी बजट में छपी सूचना– (अधिसूचना)
संसार में सबका प्रिय– (लोकप्रिय)
शरीर के लिए जितना धन आवश्यक हो उससे अधिक न लेना– (अपरिग्रह)
शरीर का कोई भाग– (अवयव)
सरकार द्वारा दूसरे देश की तुलना में अपने देश की मुद्रा का मूल्य कम कर देना– (अवमूल्यन)
सीमा का उल्लंघन करना– (अतिक्रमण)
सामाजिक एवं प्रशासनिक अनुशासन की क्रूरता से उत्पत्र स्थिति– (आतंक)
सर्वप्रथम मत को प्रवर्तित करने वाला– (आदिप्रवर्तक)
सेतुबंध रामेश्वरम से हिमालय तक– (आसेतुहिमालय)
सूर्य जिस पर्वत के पीछे निकलता है– (उदयाचल)
सूर्योदय से पहले का समय– (उषाकाल)
सारे संसार के देशों की खेल प्रतियोगितायें– (ओलम्पिक)
सेना में रहने का स्थान– (छावनी)
सहसा छिपकर आक्रमण करने वाला– (छापामार)
सिक्के ढालने का कारखाना– (टकसाल)
स्थल या जल का वह तंग या पतला भाग जो स्थल या जल के दो बड़े खंडों को मिलाता है– (डमरूमध्य)
सत्व, रज व तम– (त्रिगुण)
स्वर्गलोक, मृत्युलोक और पाताललोक– (त्रिभुवन/त्रिलोक)
शीतल, मन्द व सुगन्धित वायु– (त्रिविधवायु)
स्त्री–पुरुष का जोड़ा/पति–पत्नी का जोड़ा– (दम्पती)
सदा प्रसन्न रहने वाली या कला–प्रेमी नायक– (धीरललित)
शक्तिशाली, दयालु और योद्धा नायक– (धीरोदात्त)
शासकीय अधिकारियों का शासन– (नौकरशाही)
शरीर के एक पार्श्व का लकवा– (पक्षाघात)
समान रूप से आगे बढ़ने की चेष्टा– (प्रतिस्पर्द्धा)
शक्ति के अनुसार– (यथाशक्ति)
स्पष्टीकरण के लिए दिया जाने वाला वक्तव्य– (विवृति)
सौ वर्ष का समय– (शताब्दी)
शत्रु का नाश करने वाला– (शत्रुघ्न)
सौ में सौ– (शतप्रतिशत)
शयन (सोने) का आगार (कमरा)- (शयनागार)
शरण में आया हुआ– (शरणागत)
सदैव रहने वाला– (शाश्वत)
सिर पर धारण करने योग्य– (शिरोधार्य)
संगीत के छः राग– (षटराग)
सोलह वर्ष की लड़की– (षोडशी)
सड़ी हुई वस्तु की गन्ध– (सराँध)
सहन करना जिसका स्वभाव है– (सहनशील)
सबको जीतने वाला– (सर्वजीत)
सब कुछ खाने वाला– (सर्वभक्षी)
सत्य के प्रति आग्रह– (सत्याग्रह)
समान वयवाला– (समवयस्क)
समान (एक ही) उदर से जन्म लेनेवाला– (सहोदर)
सब लोगों से सम्बन्ध रखने वाला– (सार्वजनिक)
सरस्वती का भक्त या सरस्वती से संबद्ध– (सारस्वत)
सब कालों में होनेवाला– (सार्वकालिक)
सब देशों से सम्बद्ध– (सार्वदेशिक)
समस्त पृथ्वी से सम्बन्ध रखने वाला– (सार्वभौमिक)
साहित्य से सम्बन्धित– (साहित्यिक)
सिंह का बच्चा– (सिंहशावक)
सुन्दर हृदय वाला– (सुहृदय)
स्वेद (पसीने) से उत्पन्न होने वाला– (स्वेदज)
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद का– (स्वातन्त्र्योत्तर)
समय से संबंधित– (सामयिक)
शीघ्र चलने वाला– (द्रुतगामी)
शयन करने की इच्छा– (सुषुप्सा)
सिर पर धारण करने योग्य– (शिरोधार्य)
संगीत के छः राग– (षटराग)
सोलह वर्ष की लड़की– (षोडशी)
सड़ी हुई वस्तु की गन्ध– (सराँध)
सहन करना जिसका स्वभाव है– (सहनशील)
सबको जीतने वाला– (सर्वजीत)
सब कुछ खाने वाला– (सर्वभक्षी)
सत्य के प्रति आग्रह– (सत्याग्रह)
समान वयवाला– (समवयस्क)
समान (एक ही) उदर से जन्म लेनेवाला– (सहोदर)
सब लोगों से सम्बन्ध रखने वाला– (सार्वजनिक)
सरस्वती का भक्त या सरस्वती से संबद्ध– (सारस्वत)
सब कालों में होनेवाला– (सार्वकालिक)
सब देशों से सम्बद्ध– (सार्वदेशिक)
समस्त पृथ्वी से सम्बन्ध रखने वाला– (सार्वभौमिक)
साहित्य से सम्बन्धित– (साहित्यिक)
सिंह का बच्चा– (सिंहशावक)
सुन्दर हृदय वाला– (सुहृदय)
स्वेद (पसीने) से उत्पन्न होने वाला– (स्वेदज)
स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद का– (स्वातन्त्र्योत्तर)
समय से संबंधित– (सामयिक)
शीघ्र चलने वाला– (द्रुतगामी)
शयन करने की इच्छा– (सुषुप्सा)
( ह )
हाथी को हाँकने का लोहे का हुक– (अंकुश)
हिंसा करने वाला– (हिंसक)
हित चाहने वाला– (हितैषी)
हाथ से लिखा हुआ– (हस्तलिखित)
हमेशा सत्य बोलने वाला– (सत्यवादी)
हाथ में चक्र धारण करनेवाला– (चक्रपाणि)
हवा में मिली हुई धूल या भाप के कारण होने वाला अँधेरा– (धुन्ध)
हाथ का लिखा हुआ– (हस्तलिखित)
हृदय को विदीर्ण करने वाला– (हृदयविदारक)
हंस के समान सुंदर मंद गति से चलने वाली स्त्री– (हंसगामिनी)
हत्या करनेवाला– (हत्यारा)
हिन्द की भाषा– (हिन्दी)
हिंसा करने वाला– (हिंसक)
हित चाहने वाला– (हितैषी)
हाथ से लिखा हुआ– (हस्तलिखित)
हमेशा सत्य बोलने वाला– (सत्यवादी)
हाथ में चक्र धारण करनेवाला– (चक्रपाणि)
हवा में मिली हुई धूल या भाप के कारण होने वाला अँधेरा– (धुन्ध)
हाथ का लिखा हुआ– (हस्तलिखित)
हृदय को विदीर्ण करने वाला– (हृदयविदारक)
हंस के समान सुंदर मंद गति से चलने वाली स्त्री– (हंसगामिनी)
हत्या करनेवाला– (हत्यारा)
हिन्द की भाषा– (हिन्दी)
( क्ष त्र ज्ञ )
क्षमा पाने योग्य– (क्षम्य)
क्षण भर में नष्ट होने वाला– (क्षणभंगुर)
क्षण भर में भंग (नष्ट) होनेवाला– (क्षणभंगुर)
क्षुधा से आतुर– (क्षुधातुर)
ऋषियों के रहने का स्थान– (आश्रम)
ऋण के रूप में आर्थिक सहायता–(तकावी)
ज्ञान देने वाली– (ज्ञानदा)
ज्ञान देनेवाला– (ज्ञातव्य)
क्षण भर में नष्ट होने वाला– (क्षणभंगुर)
क्षण भर में भंग (नष्ट) होनेवाला– (क्षणभंगुर)
क्षुधा से आतुर– (क्षुधातुर)
ऋषियों के रहने का स्थान– (आश्रम)
ऋण के रूप में आर्थिक सहायता–(तकावी)
ज्ञान देने वाली– (ज्ञानदा)
ज्ञान देनेवाला– (ज्ञातव्य)
Comments
Post a Comment