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Vilom Shabd (विलोम शब्द)(part 3)


( , )
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
पतिव्रता
कुलटा
पाप
पुण्य
प्रलय
सृष्टि
पवित्र
अपवित्र
प्रेम
घृणा
प्रश्न
उत्तर
पूर्ण
अपूर्ण
परतंत्र
स्वतंत्र
प्रत्यक्ष
परोक्ष
पूर्व
अपूर्व
प्रात
साय
प्रकाश
अंधकार
पण्डित
मुर्ख
पक्ष
विपक्ष
प्रमुख
सामान्य
प्रारम्भिक
अन्तिम
प्रशंसा
निन्दा
परार्थ
स्वार्थ
पुरस्कार
दण्ड
पूर्ववर्ती
परवर्ती
परमार्थ
स्वार्थ
पुरुष
कोमल
प्रधान
गौण
प्रवृत्ति
निवृत्ति
प्राचीन
नवीन
प्राकृतिक
कृत्रिम
पुष्ट
अपुष्ट
परिश्रम
विश्राम
पूर्णता
अपूर्णता
प्रयोग
अप्रयोग
पठित
अपठित
पाश्चात्य
पौर्वात्य
प्रसाद
विषाद
पुण्य
पाप
परमार्थ
स्वार्थ
पात्र
कुपात्र
पतन
उत्थान
पराया
अपना
प्रज्ञ
मूढ़
प्रशंसा
निंदा
पानी
आग
पुरातन
नवीन
पूर्ववत
नूतनवत
परार्थ
स्वार्थ
प्रजा
राजा
पुरुष
स्त्री
पराजय
जय
पता
खोज
पवित्र
अपवित्र
प्रख्यात
अख्यात
प्रतिकूल
अनुकूल
प्रलय
सृष्टि
प्रकट
गुप्त
पालक
संहारक
पूर्व
उत्तर
पूर्णिमा
अमावस्या
पूर्ण
अपूर्ण
परकीय
स्वकीय
पतनोन्मुख
विकासोन्मुख
प्रमुख
गौण
प्राची
प्रतीची
फूट
मेल
फायदा
नुकसान
फल
निष्फल
फूलना
मुरझाना
( , )
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
बाढ़
सूखा
बुराई
भलाई
बन्धन
मुक्ति
बर्बर
सभ्य
बाह्य
अभ्यन्तर
बहिरंग
अन्तरंग
बलवान्
बलहीन
बढ़िया
घटिया
बैर
प्रीति
बद
नेक
बद्ध
मुक्त
बाढ़ग्रस्त
सूखाग्रस्त
बुरा
अच्छा
भूत
भविष्य
भोगी
योगी
भौतिक
आध्यात्मिक
भद्र
अभद्र
भाव
अभाव
भय
निर्भय
भूगोल
खगोल
भूलोक
द्युलोक
भेद
अभेद
भोग्य
अभोग्य
भला
बुरा
भिखारी
दाता
भारी
हल्का
()
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
मानवता
दानवता
मृदुल
कठोर
मानव
दानव
मुख
पृष्ठ
मिलन
विरह
मृत
जीवित
मुनाफा
नुकसान
महात्मा
दुरात्मा
मान
अपमान
मित्र
शत्रु
मधुर
कटु
मिथ्या
सत्य
मौखिक
लिखित
मोक्ष
बंधन
मंगल
अमंगल
मितव्यय
अपव्यय
मूक
वाचाल
मसृण
अमानवीय
मीठा
कड़ुवा
मृदुल
रुक्ष
मालिक
नौकर
मलिन
निर्मल
मनुज
दनुज
मर्त्य
अमर
माता
पिता
मानक
अमानक
मूक
वाचाल
मरण
जीवन
मेहनती
आलसी
(, , )
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
यश
अपयश
योग
वियोग
योगी
भोगी
यथार्थ
कल्पित
राजतन्त्र
जनतन्त्र
रत
विरत
रागी
विरागी
रचना
ध्वंस
रक्षक
भक्षक
राजा
रंक
राग
द्वेष
रूपवान्
कुरूप
रिक्त
पूर्ण
रात्रि
दिवस
रात
दिन
राम
रावण
रंगीन
बेरंग
रुग्ण
स्वस्थ
लघु
गुरु
लौकिक
अलौकिक
लिप्त
अलिप्त
लुप्त
व्यक्त
लायक
नालायक
लाभ
हानि
लिखित
अलिखित
लेन
देन
लौह
स्वर्ण
()
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
विधवा
सधवा
विजय
पराजय
वसंत
पतझर
विरोध
समर्थन
विशुद्ध
दूषित
विषम
सम
विद्वान
मूर्ख
विवाद
निर्विवाद
विशिष्ट
साधारण
विस्तृत
संक्षिप्त
विशेष
सामान्य
बहिष्कार
स्वीकार
वृद्धि
ह्रास
विमुख
सम्मुख
वैतनिक
अवैतनिक
विशालकाय
क्षीणकाय
वीर
कायर
वृहत
लघु
व्यस्त
अव्यस्त
व्यवहारिक
अव्यावहारिक
विपत्ति
सम्पत्ति
वृष्टि
अनावृष्टि
वक्र
सरल
विशिष्ट
सामान्य
वियोग
मिलन
विधि
निषेध
वरदान
अभिशाप
विपन्न
सम्पन्न
विस्तार
संक्षेप
वृद्ध
तरुण
वादी
प्रतिवादी
विकास
ह्रास
विरह
मिलन
विष
अमृत
विरत
निरत
विकीर्ण
संकीर्ण
वैमनस्य
सौमनस्य
व्यस्त
अकर्मण्य
विक्रय
क्रय
विधवा
सधवा
व्यास
समास
विश्लेषण
संश्लेषण
विसर्जन
अहान
वैतनिक
अवैतनिक
विजय
पराजय
वन
मरु
विश्वास
अविश्वास
व्यर्थ
अव्यर्थ
विनीत
उद्धत
विपद
सम्पद
विशिष्ठ
साधारण
व्यय
आय
विस्तृत
संक्षिप्त
विख्यात
कुख्यात
विषाद
आहद
वन्य
पालित
विकर्ष
आकर्ष
वियोग
संयोग
विशेष
सामान्य
वक्र
ऋजु
विनाश
निर्माण
विशालकाय
लघुकाय
विसर्जन
सर्जन
()
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
विधवा
सधवा
विजय
पराजय
वसंत
पतझर
विरोध
समर्थन
विशुद्ध
दूषित
विषम
सम
विद्वान
मूर्ख
विवाद
निर्विवाद
विशिष्ट
साधारण
विस्तृत
संक्षिप्त
विशेष
सामान्य
बहिष्कार
स्वीकार
वृद्धि
ह्रास
विमुख
सम्मुख
वैतनिक
अवैतनिक
विशालकाय
क्षीणकाय
वीर
कायर
वृहत
लघु
व्यस्त
अव्यस्त
व्यवहारिक
अव्यावहारिक
विपत्ति
सम्पत्ति
वृष्टि
अनावृष्टि
वक्र
सरल
विशिष्ट
सामान्य
वियोग
मिलन
विधि
निषेध
वरदान
अभिशाप
विपन्न
सम्पन्न
विस्तार
संक्षेप
वृद्ध
तरुण
वादी
प्रतिवादी
विकास
ह्रास
विरह
मिलन
विष
अमृत
विरत
निरत
विकीर्ण
संकीर्ण
वैमनस्य
सौमनस्य
व्यस्त
अकर्मण्य
विक्रय
क्रय
विधवा
सधवा
व्यास
समास
विश्लेषण
संश्लेषण
विसर्जन
अहान
वैतनिक
अवैतनिक
विजय
पराजय
वन
मरु
विश्वास
अविश्वास
व्यर्थ
अव्यर्थ
विनीत
उद्धत
विपद
सम्पद
विशिष्ठ
साधारण
व्यय
आय
विस्तृत
संक्षिप्त
विख्यात
कुख्यात
विषाद
आहद
वन्य
पालित
विकर्ष
आकर्ष
वियोग
संयोग
विशेष
सामान्य
वक्र
ऋजु
विनाश
निर्माण
विशालकाय
लघुकाय
विसर्जन
सर्जन
()
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
सौभाग्य
दुर्भाग्य
साक्षर
निरक्षर
साधु
असाधु
सुजन
दुर्जन
सुपुत्र
कुपुत्र
सुमति
कुमति
सरस
नीरस
सच
झूठ
साकार
निराकार
सजीव
निर्जीव
सुर
असुर
संक्षेप
विस्तार
सरस
नीरस
सौभाग्य
दुर्भाग्य
सुगंध
दुर्गन्ध
सगुण
निर्गुण
सक्रिय
निष्क्रय
सफल
असफल
सज्जन
दुर्जन
संतोष
असंतोष
सावधान
असावधान
सबल
निर्बल
संधि
विच्छेद
स्वस्थ
अस्वस्थ
सुख
दुःख
सरल
कठिन
सुन्दर
असुंदर
स्वदेश
विदेश
शिक्षित
अशिक्षित
संजीव
निर्जीव
सदाचार
दुराचार
सम
विषम
सफल
विफल
सजल
निर्जल
स्वजाति
विजाति
सम्मुख
विमुख
सार्थक
निरर्थक
सकर्म
निष्कर्म
सुकर्म
कुकर्म
सगुण
निर्गुण
सबल
दुर्बल
सनाथ
अनाथ
सहयोगी
प्रतियोगी
स्वतन्त्रा
परतन्त्रा
संयोग
वियोग
सम्मान
अपमान
सकाम
निष्काम
साकार
निराकार
सुलभ
दुर्लभ
सुपथ
कुपथ
स्तुति
निन्द
स्मरण
विस्मरण
सशंक
निश्शंक
सन्तोष
असन्तोष
सुधा
गर्ल
संकल्प
विकल्प
संन्यासी
गृहस्थ
स्वधर्म
विधर्म
समष्टि
व्यष्टि
संघटन
विघटन
समूल
निर्मल
सत्कर्म
दुष्कर्म
सुमति
कुमति
संकीर्णि
विस्तीर्ण
सदाशय
दुराशय
समास
व्यास
स्वल्पायु
चिरायु
सुसंसगति
कुसंगति
सुपरिणाम
दुष्परिणाम
सखा
शत्रु
सौम्य
असौम्य
सुगम
दुर्गम
सुशील
दुःशील
स्थूल
सूक्ष्म
स्वामी
सेवक
सृष्टि
प्रलय
सन्धि
विग्रह
स्थिर
चंचल
सबाध
निर्बाध
सत्कार
तिरस्कार
स्वार्थ
निस्वार्थ
सापेक्ष
निरपेक्ष
सक्षम
अक्षम
सादर
निरादर
सलज्ज
निर्लज्ज
सदय
निर्दय
सुलभ
दुर्लभ
संकोच
असंकोच
सभ्य
असभ्य
सुदूर
अदूर
सभय
निर्भय
सामान्य
विशिष्ट
सुकाल
अकाल
सविकार
निर्विकार
सुबह
शाम
स्वप्न
जागरण
स्मरण
विस्मरण
संगत
असंगत
स्वदेशी
परदेशी
सुभग
दुभग
समाज
व्यक्ति
संग
निःसंग
स्वकीया
परकीया
सामान्य
विशिष्ट
( , , क्ष, ज्ञ )
शब्द
विलोम
शब्द
विलोम
शूर
कायर
शयन
जागरण
शीत
उष्ण
शुभ
अशुभ
शुष्क
आर्द्र
शकुन
अपशकुन
शुक्ल
कृष्ण
श्र्वेत
श्याम
शासक
शासित
शयन
जागरण
श्रव्य
दृश्य
शोषक
पोषक
श्लील
अश्लील
शान्ति
क्रान्ति
शत्रु
मित्र
श्रीगणेश
इतिश्री
श्रद्धा
घृणा
श्यामा
गौरी
स्वर्ग
नरक
स्वीकृत
अस्वीकृत
स्वदेश
विदेश
स्वाधीन
पराधीन
स्तुति
निंदा
शुक्ल
कृष्ण
शिव
अशिव
श्वेत
श्याम
शरण
अशरण
शासक
शासित
षंड
मर्द
षंडत्व
पुंसत्व
ह्स्व
दीर्घ
हित
अहित
हर्ष
शोक
हिंसा
अहिंसा
हँसना
रोना
हास
रुदन
क्षर
अक्षर
क्षम्य
अक्षम्य
क्षुद्र
विशाल
क्षणिक
शाश्वत
क्षमा
क्रोध
क्षुद्र
महत
क्षमा
दण्ड
ज्ञान
अज्ञान
हार
जीत



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Tribes in India(Tricks to remember Tribes in India)

1. Andhra Pradesh: Andh, Sadhu Andh, Bhagata, Bhil, Chenchus, Gadabas, Gond, Goundu, Jatapus, Kammara, Kattunayakan, Kolawar, Kolam, Konda, Manna Dhora, Pradhan, Rona, Savaras, Dabba Yerukula, Nakkala, Dhulia, Thoti, Sugalis.  Trick to remember: Andhere Pradesh mein ek Nayak ki jaroorat hai. Jackie Chen(chenchus) Nayak( Kattunayakan) hai. Wo ek village se Sugandha(sugalis)  ko Kundi (konda) todkar horse pe Savari kar k Bhaga(Bhagata)  le gya to Village k Pradhan ne War(kolwar) shuru kar di kyuki Jackie Chen dusri Jati (Jatapus) k hai. Raste mein Jackie Chen ko ek Andha Sadhu   Dhoti (Thoti) pehne hue Dhul  (dhulia) mein gira hua milta hai. Andhe Sadhu ki kamar(Kammara)  mein dard tha jiski wajah se wo RONe  (Rona) laga. Jackie Chen ne apne DABBe (Dabba Yerukula) mein se  Bhel Nikal( Bhil, Nakkal)  kar Sadhu ko  khane ko di. Badle mein Sadhu ne Jackie Chen ko ek Kalam  (Kolam) gift ki aur  Mann(Manna Dhora) mein dhanyawad dia aur GOD(Gond, Goundu) ki blessing di.

Latitudes and Longitudes

Latitudes and Longitudes are used for specifying location of a point on Earth's surface. Latitudes are measured in respect of Equator. Equator itself is a latitude and is largest of all latitudes.  The length of latitudes keeps decreasing as we move from equator to poles. It ranges from 0 degrees to 90 degrees (North and South). The latitude of any point on earth's surface can be known by measuring the angle b/w the line joining that point with Center of earth and the Equatorial Plane. Longitudes are measured in terms of Prime Meridian. Prime meridian is a longitude which passes through Greenwich, England and is assigned with 0 degree. Other Longitudes are measured with respect to it in East or West direction. It ranges from 0 degrees to 180 degrees (East or west). The longitude of a point on earth's surface can be known by measuring the angular distance b/w the longitude containing the point and the Prime Meridian. All longitudes are of equal lengths. Internation

Harappan Civilization

It was also known as Indus Valley Civilization (IVC). Harappan Civilization was of Indigenous origin which had gradually evolved. Initial communities of Mehrgarh etc. moved to fertile lands of Indus Valley. Surplus agriculture produce helped in development of other secondary activities. Gradually the population concentrated in the area leading to formation of Cities. Chalcolithic age helped in urbanization. Geographical extent of Harappan or IVC was as follows: In North- Manda in Jammu and Kashmir. In South- Diamabad in Maharashtra. In East- Alamgirpur in Uttar Pradesh. In West- Sutkagendor in Pakistan. Features of Harappan Civilization: 1. It was Indegenous. 2. It was urban and had urban institutions like citadel. 3. People were literate. Script was found however in could not deciphered yet. 4. It was an evolved society because means of entertainment like toys, chess, etc. found. 5. It was a multiclass society. There were artisans, merchants, traders, craftsmen etc. 6.